सूचना लेखन का प्रारूप

सूचना लेखन का प्रारूप

सूचना लिखते समय इन आठ बिंदुओं का ध्यान अवश्य रखें-

  • सबसे पहले एक बॉक्स बनाएँ।
  • सबसे ऊपर जारी करने वाली संस्था का नाम, स्थान का नाम लिखें।
    जैसे-  (रोटरी क्लब, अ ब स नगर/ अ ब स स्कूल, क ख ग नगर)
  • आवश्यक सूचनाकोष्ठक में विषय का संक्षिप्त में उल्लेख
    जैसे- (नि: शुल्क स्वास्थ्य- जाँच शिविर का आयोजन)
  • दिनांक-………………………(बाईँ ओर)
  • (अगली पंक्ति से औपचारिक आरंभ करें) सभी नगरवासियों / सेक्टर वासियों को सूचित किया जाता है कि……
  • (इसके आगे विषय को स्पष्ट करने के लिए विषय के अनुरूप कब, कहाँ, क्या, किसलिए आदि प्रश्नों के उत्तर देते हुए लगभग 40-50 शब्दों में विषयवस्तु का विस्तार करें)
  • हस्ताक्षर (विद्यार्थी यहाँ अपना नाम न लिखें, सांकेतिक हस्ताक्षर करें या केवल हस्ताक्षर लिख दें)
  • पद का उल्लेख( यहाँ विषय के अनुसार अध्यक्ष / प्रधानाचार्य/ छात्र संघ अध्यक्ष/ जिलाधिकारी आदि लिखना है।

    बोर्ड द्वारा निर्धारित मूल्यांकन बिंदु- (Marking Scheme)

  • प्रारूप / प्रस्तुति1 अंक,
  • विषयवस्तु – 2 अंक,
  • भाषा – 1 अंक

    (बॉक्स न बनाने पर सामान्यतः आधा अंक काट दिया जाता है, इसलिए यह कार्य बॉक्स बनाकर ही करें)

 

 

 

 

वाक्य अभ्यास

CSCE TUTORIAL

वाक्य अभ्यास

  1. जो परिश्रम करेगा, वह सफल होगा-अर्थ के आधार पर वाक्य का कौन-सा भेद है?
  • (क) संदेहवाचक
  • (ख) विधानवाचक
  • (ग) संकेत वाचक
  • (घ) विस्मयवाचक

 

  1. ‘जैसी नीयत होती है अल्ला भी वैसी ही बरकत देता हैं अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद क्या होगा?
  • (क) इच्छावाचक
  • (ख) आज्ञावाचक
  • (ग) निषेधवाचक
  • (घ) संकेतवाचक

 

  1. ‘लड़का परसों सुबह मुँह अँधेरे बेलों में से पके खरबूजे चुन रहा था’ वाक्य अर्थ की दृष्टि से किस प्रकार का वाक्य है?
  • (क) विधानवाचक
  • (ख) संदेहवाचक
  • (ग) इच्छावाचक
  • (घ) विस्मयवाचक

 

  1. ‘आज वह बाजार में सौदा बेचने चली गई; हाय रे पत्थर दिल!’ वाक्य अर्थ की दृष्टि से किस वर्ग में आएगा?
  • (क) विधानवाचक
  • (ख) विस्मयवाचक
  • (ग) इच्छावाचक
  • (घ) संदेहवाचक

 

  1. ‘शायद उन्हें मेरी बात बुरी लग गई होगी’ वाक्य में अर्ध की दृष्टि से कौन-सा भेद है?
  • (क) निषेधवाचक
  • (ख) आज्ञावाचक
  • (ग) संदेहवाचक
  • (घ) संकेतवाचक

 

  1. ‘अनेक बार देखा कि केवल थोड़ी दूर के बाद कोई ऊँची चढ़ाई नहीं है’ अर्थ की दृष्टि से वाक्य का प्रकार बताइए।
  • (क) विधानवाचक
  • (ख) संदेहवाचक
  • (ग) आज्ञावाचक
  • (घ) निषेधवाचक

 

  1. ‘ल्हाटू एक नायलॉन की रस्सी लाया था’ वाक्य अर्थ के आधार पर किस प्रकार का वाक्य है?
  • (क) विस्मयवाचक
  • (ख) संदेहवाचक
  • (ग) इच्छावाचक
  • (घ) विधानवाचक

 

  1. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए-
  • उसके व्यवहार को कौन नहीं जानता?                                       विधान वाचक
  • उसने अपना काम पूरा कर लिया।                                            प्रश्नवाचक
  • हाथी बहुत बड़ा है।                                                                विस्मयादिबोधक
  • कल मैं विद्यालय नहीं जाऊँगा ।                                                संदेह वाचक
  • वह कक्षा में प्रथम आया।                                                          विस्मयादिबोधक
  • उसने किसी से बात नहीं की।                                                    विधान वाचक
  • अर्चना अपना पाठ याद कर रही है।                                            आज्ञा वाचक
  • आज बहुत ठंड है।                                                                   निषेधवाचक
  • वह मान जाएगा।                                                                      निषेधवाचक
  • तुम आ गए हो।                                                                         विस्मयादिबोधक
  • शायद आज मामा जी आएँगे।                                                      प्रश्नवाचक
  • वीरेश प्रतिदिन व्यायाम करता है।                                               आज्ञावाचक
  • तुम्हारा मित्र आज विद्यालय नहीं जाएगा।                                      प्रश्नवाचक
  • वह दिल्ली जाएगा।                                                                   प्रश्नवाचक
  • अपनी-अपनी आस्थानुसार नित्य प्रार्थना करनी चाहिए।                   आज्ञा वाचक
  • उसने कोई उपाय नहीं छोड़ा।                                                    विधान वाचक
  • वर्षा आएगी।                                                                           संदेह वाचक

विराम चिह्न

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विराम चिह्न

लिखते समय रुकने वाले स्थानों को प्रकट करने के लिए कुछ विशेष चिह्न लगाने पड़ते हैं, उन्हीं चिह्नों को विराम-चिह्न कहते हैं।

ये तेरह हैं-

  1. पूर्ण विराम (Full Stop) ( I )
  2. अल्प विराम (Comma) (.)
  3. अर्ध विराम (Semicolon) (;)
  4. प्रश्नवाचक चिह्न (Mark of Interrogation)(?)
  5. विस्मय वाचक-चिह्न (Mark of Exclamation)(!)
  6. उप विराम / अपूर्ण विराम (Colon)(:)
  7. निर्देशक-चिह्न (Dash) _
  8. विवरण – चिह्न (Sign of Following) (:-)
  9. लाघव – चिह्न (Sign of Abbreviation) (•)
  10. योजक-चिह्न (Hyphen) (-)
  11. कोष्ठक (Brackets) ( )
  12. उद्धरण चिह्न (Inverted Comma) (” “) (‘ ’)
  13. त्रुटि पूरक (^)
(अभ्यास कार्य)

निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए

  1. स्त्री- बस, आप इस मुकदमे को ले लें I मैं आपको तीन हज़ार रुपए रोज़ दूँगीI
  2. मेरा बचपन ! क्या यह हाल की बात है?
  3. उन चार चेहरों के आठ- आठ जोड़ी दाँत I आहा ! मानो धूप में रखे आईने की तरह चमक उठते I
  4. जब तक अलाव जलते रहेंगे ; तब तक बची रहेगी आग , बची रहेगी सामूहिकता, बचा रहेगा खुलकर कह- सुन सकने का चलन I
  5. हम कर्मशील बनें I हमारी कारीगरी बढ़े, तभी हमारा भाग्योदय होगा I
  6. उसने उनके कान में जाकर कहा – “उठो मियाँ, उठो जागो ,जागने का वक़्त हैI”
  7. हाँ, देख लेना तुम I ताना मार रहे हो, लेकिन मैं दिखा दूँगा ;धन को कितना तुच्छ समझता हूँ I
  8. धन के लिए माँ -बाप, भाई- बंधु सबसे अलग यहाँ पड़ा हूँ , न जाने अभी कितनी सलामियाँ देनी पड़ेंगी , कितनी खुशामद करनी पड़ेगी ?
  9. अब कहाँ जाओगे ? यहीं सो रहो I और बातें हों , तुम तो कभी आते भी नहीं I
  10. मालिक जी जैसे सेवा व्रती निश्छल व्यक्ति भगवान की याचना अनुग्रह से ही मिलते हैं बिनु हरि कृपा मिलिए नहीं संता
  11. यह सब तो हुआ पर मालिक जी को जैसे गुरुमंत्र ही मिल गया अगर पीड़ा है तो आशा भी है
  12. उन्होंने निष्कर्ष दिया ज़्यादती उनकी है गलती हमारी मैंने पूछा गलती कौन सी
  13. उसके साथ कुछ मिठाई नमकीन बिस्कुट मौसमी फल जैसे सेब अमरूद केला संतरा यानी कि जी खोल कर स्वागत होता
  14. उन दिनों फ़ोटो नहीं खींची जाती थी भला यह कैसे कहा जा सकता है बात है कितनी पुरानी विधान बाबू का बचपन अभी तीस पैंतीस साल पहले की ही तो बात है
  15. मुझे क्या परेशानी होगी चल तो तुम रहे हो दिन में दस बीस मील गरम रेत पर मैं तो मज़े से बैठा हूँ कंधे पर
  16. आचार्यों ने कहा सेवा देने की चीज़ है लेने की नहीं सेवा लेने के अधिकारी बच्चे असहाय और वृद्ध हैं
  17. माताजी ने कहा सब ठीक ठाक होना चाहिए वरना बीच अंतरिक्ष में चलान कर दूँगा
  18. गुरुदेव हमारी तो बड़ी आफ़त है तमाम भले लोग आते हैं और कहते हैं उस बेचारे बेक़सूर को क्यों फँसा रहे हैं ऐसा तो चंद्रलोक में कभी नहीं हुआ
  19. कौन कहता है आप अकेली हैं महारानी आप तो गीता पढ़ती हैं फिर यह निराशा कैसी
  20. स्वराज्य प्राप्ति से बढ़कर है स्वराज्य की स्थापना के लिए भूमि तैयार करना स्वराज्य की नींव का पत्थर बनना